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सदभाव

सद्भाव एक ऐसा शब्द है जिसका उल्लेख हर रोज मिसालों के तौर पर किया जाता है और यह शब्द केवल एक मिसाल बन कर रह गया है इस शब्द कि आड़ लेकर शान्ती की जगह अशांति ही फ़ैला रहे हैं लोग जबकि हमारा भारत राष्ट्र सनातन से इसी संस्कृति से जुड़ा हुआ पहला देश है जो आज भी इसी शब्द को अपने आचरण में संजोए हुए है इसलिए लोग हमारी परम्पराओं को विखंडित करते जा रहे हैं परन्तु शायद उन‌ लोगों को हमारे‌ ग्रंथों की जानकारी नहीं है हमारे ग्रंथों में वर्णित सब कुछ सत्य ही लिखा गया है इस शब्द की आड़ में जो लोग हमारे भारत राष्ट्र को खंडित करना चाहते हैं तो ऐसा कभी नहीं हो सकता क्योंकि इस शब्द की जो जानकारी रखते हुऐ परम्पराओं को ध्यान में रखकर आगे बढ़ते हैं और पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहते हैं वो हमेशा अपने भारत राष्ट्र के लिए समर्पित रहते हैं इसलिए हमें सद्भावना में पिरोया गया है और हम अपनी परम्पराओं को हमेशा ध्यान में रखते हैं यही वो परंपरा है जिसने परिपाटी को कायम किया गया है।

लेखक :- डाक्टर मुनेश चन्द , चांदपुर, बिजनौर (परिपाटी न्यूज़)

By विक्की जोशी

विक्की जोशी मंडल आई.टी. प्रभारी मुरादाबाद