परिपाटी न्यूज़ संदीप कुमार सैनी
देहरादून। हरिद्वार जिले में त्रिस्तरीय पंचायतों के प्रशासकों का कार्यकाल आगे बढ़ाया जा सकता है। पंचायतीराज एक्ट के मुताबिक चुनाव न होने की स्थिति में अधिकतम छह माह की अवधि के लिए पंचायतों में प्रशासक बैठाए जा सकते हैं, लेकिन कोविड काल को देखते हुए सरकार उनका कार्यकाल बढ़ाने का फैसला ले सकती है। हरिद्वार जिले में ग्राम पंचायतों का पांच साल का कार्यकाल इस वर्ष 29 मार्च, जिला पंचायत का 16 मई और क्षेत्र पंचायतों का कार्यकाल 10 जून को खत्म हो गया था।
पंचायतीराज एक्ट में निहित प्रविधानों के अनुसार कार्यकाल खत्म होने से 15 दिन पहले तक चुनाव न होने की दशा में पंचायतों में प्रशासक बैठाए जा सकते हैं। इसे देखते हुए शासन ने हरिद्वार की त्रिस्तरीय पंचायतों को प्रशासकों के हवाले कर दिया था।
इस बीच जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मद्देनजर मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण, वार्ड परिसीमन जैसे कार्य हुए, लेकिन अभी आरक्षण आदि का निर्धारण नहीं हो पाया है। ऐसे में वहां जल्द ही पंचायत चुनाव होने की स्थिति नहीं बन पा रही है। अब ग्राम पंचायतों के प्रशासकों का छह माह का कार्यकाल 29 सितंबर को समाप्त होने जा रहा है। नतीजतन शासन की पेशानी पर बल भी पड़ने लगे हैं। इस सबको देखते हुए मंथन शुरू हो गया है। वैसे एक्ट के हिसाब से तो प्रशासकों का कार्यकाल आगे नहीं बढ़ाया जा सकता, लेकिन आपात स्थिति को देखते हुए सरकार इस बारे में निर्णय ले सकती है। कोरोना काल के मद्देनजर पूर्व में प्रदेश में जिला नियोजन समितियों का कार्यकाल भी बढ़ाया गया था। इसी तर्ज पर हरिद्वार में त्रिस्तरीय पंचायतों के प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। उधर, सचिव पंचायतीराज नितेश झा ने बताया कि 16 सितंबर को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में इस मसले पर निर्णय लिया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर नैनीताल हाईकोर्ट में विचाराधीन याचिका पर अभी तक सुनवाई शुरू नहीं हो सकी है। नगला निवासी शमशेर के द्वारा हरिद्वार जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए जाने के संबंध में याचिका दायर की गई थी जो कि काफी समय से अनडेटेड रही । इसके बादरुड़की ब्लॉक की ग्राम पंचायत किशनपुर निवासी मोहम्मद तहसीन ने इस याचिका में पक्षकार बनने की अर्जी दी गई। उनकी पक्षकार की अर्जी स्वीकार भी कर ली गई लेकिन अभी तक याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी है।होलिका हालांकि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता जल्द सुनवाई के लिए प्रार्थना पत्र देने की तैयारी में है। उनका कहना है कि जब पूरे प्रदेश में राजनीतिक दलों की रैलियां हो रही है तो फिर चुनाव कराने में संकोच कैसा। जानकारी के लिए बता दें कि यह बात पहले से ही पूरी तरह स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार कोरोनावायरस काल में हरिद्वार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए जाने का जोखिम लेना नहीं चाहती। सरकारी सूत्रों का कहना है कि यदि हाई कोर्ट से इस संबंध में कोई दिशा निर्देश आते तो चुनाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता।