संवाददाता-सूरज गूर्जर
सहारनपुर पीपीएन। मण्डलायुक्त ए0वी0राजमौलि ने कहा कि मण्डल के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शिक्षा के स्तर को सुधार करने के लिए निरांतर औचक निरीक्षण करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि शिक्षा में सुधार के लिए अगले दो माह की कार्य योजना भी प्रस्तुत करें। विद्यालयों और मौहल्ला कक्षाओं में न जाने वाले अध्यापकों को चिन्हित कर दण्ड़ित किया जाए। उन्होंने कहा कि ए.बी.एस.ए को सक्रिय कर शत-प्रतिशत विद्यालयों का निरीक्षण कराया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी अपनी कार्यशैली में बदलाव लाये। वरना दण्ड़ के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग का कार्य केवल वर्दी, जूते, मौजे तथा किताब बांटने तक सीमित न रखा जाए। उन्होंने कहा कि डिजीटल संसाधनों के गैप को दूर करने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को भी स्मार्ट कक्षाओं से जोड़ा जाए। उन्होंने मिशन प्ररेणा के कार्यों में समुचित प्रगति न होने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का स्पष्टीकरण लेने के भी निर्देश दिए। ए0वी0राजमौलि आज यहां अपने कार्यालय कक्ष से मिशन प्ररेणा के मण्डलीय कार्यों की वर्चुअल समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने मिशन प्रेरणा के तहत बच्चों को मौलिक शिक्षा उपलब्ध न कराये जाने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि बेसिक शिक्षा अधिकारी शत-प्रतिशत बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न माध्यमों से आच्छादित करें। उन्होंने कहा कि उनके औचक निरीक्षण में किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई गई तो सम्बधिंत के विरूद्ध कार्यवाही करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे। उन्होंने मण्डल के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर विकास खण्ड के 50 फीसदी विद्यालयों का वे स्वयं औचक निरीक्षण करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि नवम्बर व दिसम्बर 2020 में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के स्तर पर कितने निरीक्षण हुए और कितने ए.बीएस.ए. और अध्यापकों के विरूद्ध कार्रवाही की गई, उसका भी विवरण प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जायेंगा।मण्डलायुक्त ने कहा कि सभी अधिकारी जर्जर भवन वालों विद्यालयों को चिन्हित कर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही कराते हुए इस आश्य का प्रमाण पत्र जारी करें। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में स्थापित हैण्डपम्पों का समुचित रखरखाव किया जाए। साथ ही हैण्डपम्पों के पानी की भी जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में पढ़ाई के लिए शैक्षिणक योजना बनाई जाए जिससे विद्यालय में नामांकित सभी बच्चों को किसी न किसी साधन से पढ़ाई कराई जा सकें। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान अध्यापकों के टीचिंग नोट की जांच करें तथा एबीएसए के कार्यों की निरंतर निगरानी करें।श्री ए0वी0राजमौलि ने कहा कि हम साधन विहीन, गरीब बच्चों को शिक्षित करने का कार्य करते है। इसमें भी अगर लापरवाही होती है तो हम अपने दायित्वों के प्रति जागरूक नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘‘शिक्षा सबसे अच्छा निवेश है’’ इस सोच के साथ हमें बच्चों को शिक्षित करने की कार्ययोजना बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार जहां प्रयास कर रही है, वहीं हमारा भी दायित्व है कि बच्चों में डिजीटल गैप को न पनपने दें। उन्होंने मिशन प्ररेणा के अंतर्गत मौलिक शिक्षा की जानकारी न रखने वाले अध्यापकों के विरूद्ध भी कार्रवाही की जायेंगी। उन्होंने कहा कि मण्डल में निरीक्षण के दौरान यदि लापरवाही मिलती है तो सम्बधिंत के साथ ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के विरूद्ध भी कार्यवाही की जायेंगी।
इस अवसर पर संयुक्त विकास आयुक्त श्री सुनील कुमार श्रीवास्तव, सहायक निदेशक, बेसिक श्री योजराज सिंह, मण्डलीय समन्वयक श्री नरीज प्रताप सहित अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, उप निदेशक पंचायत, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी वर्चुअल मौजूद रहे।